1

Hanuman chalisa for Dummies

News Discuss 
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि। होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना । सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को पावै । व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य https://woodys528yzb7.wikicommunication.com/user

Comments

    No HTML

    HTML is disabled


Who Upvoted this Story